जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में पांच दिन पूर्व मिले सिरकटी लाश का रहस्य खुल गया है। हत्या के मामले में कुनकुरी पुलिस को सफलता मिली है। दरअसल युवक की हत्या किसी और ने नहीं बल्की उसके सगे भाई ने अपने दो मौसेरे भाई व एक दोस्त के साथ मिलकर की थी। हत्या के इस मामले में पुलिस को सफलता मिली। हत्या की वजह जमीन विवाद बताया जा रहा है। क्राइम पेट्रोल देखकर हत्या की प्लानिंग की और सिर को धड़ से अलग कर जंगल में लाश को फेंक दिया था। फिलहाल इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
बता दें कि 12 सितंबर 24 को सुबह करीब 10 बजे गणेश बारीक ने पुलिस को सूचना दी कि कुनकुरी – तपकरा जाने वाले मेन रोड श्री टोली गांव के चुरहागड़ा जंगल में एक एक व्यक्ति का शव सिर धड़ से अलग मिला है। सूचना पर मौके पर जाकर तस्दीक करने पर अज्ञात पुरुष उम्र करीब 30-35 वर्ष का सिर एवं धड़ घने जंगल में अलग अलग कुछ दूरी पर पड़ा मिला। प्रथम दृष्टया मामला हत्या का प्रतीत हो रहा था। घटना की सूचना पुलिस अधीक्षक जशपुर शशि मोहन सिंह को दिए जाने पर उनके द्वारा तत्काल अति पुलिस अधीक्षक अनिल सोनी एवं उप पुलिस अधीक्षक विजय सिंह राजपूत के नेतृत्व में मृतक की पहचान तथा आरोपी की पतासाजी के लिए टीम बनाई गई।
घटना स्थल की जांच के दौरान कटा हुआ सिर, एक चाकू, नाइलोन की रस्सी तथा एक जोडी चप्पल पड़ा था। धड़ को कटे सिर से करीब 50 मीटर दूर झाडियों में छिपा कर रखा गया था। मृतक के चेहरे एवं हांथ में बने टेटू एवं गोदना से मृतक की पहचान का प्रयास किया जाने लगा। डॉग स्क्वाड एफएसएल अधिकारी, सायबर सेल के स्टाफ को तत्काल मौके पर भेजा गया जिनके द्वारा छानबीन शुरू की गई। अज्ञात मृतक का फोटो जिले एवं ओडिशा, झारखंड राज्य के पुलिस अधिकारी व आमलोगों के ग्रुप में व्हाटसअप से भेजा गया। आस-पास के क्षेत्र एवं झारखंड ओडिशा बार्डर रोड में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाला गया लेकिन मृतक की शिनाख्त नहीं हो पा रही थी। शव को पंचनामा बाद पीएम कराया गया तथा घटना स्थल से भौतिक साक्ष्य एवं कटा सिर के पास पड़ा हुआ नायलोन रस्सी एवं एक लोहे का पट्टीदार चाकू एवं एक जोड़ा हवाई चप्पल जप्त किया गया। शव को पहचान कार्यवाही हेतु मरचुरी में सुरक्षित रखवाया गया।
मृतक की पहचान बनी पुलिस के लिए चुनौती
पुलिस के लिये प्रारंभिक चुनौती यह थी कि किसी भी तरह अज्ञात मृतक पुरुष की पहचान की जाए। मृतक की पहचान एवं आरोपी पतासाजी हेतु वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा बनाई गई टीम को मृतक के पहचान, आरोपी की पतासाजी, संदेहियों से पूछताछ, घटना स्थल घने जंगल का निरीक्षण तथा सीसीटीवी फुटेज कलेक्ट करने अलग अलग कार्य में लगाया गया। मृतक का चेहरा, हाथ में बने टैटू के आधार पर उसकी पहचान के लिए लगातार कोशिश की जाती रही तभी पुलिस को सूचना मिली कि डूमरटोली थाना कांसाबेल निवासी अभिषेक लकड़ा कुछ दिनों से लापता है। इसके बाद लापता अभिषेक लकड़ा के पिता ख्रीस्तोफर लकडा उसकी पत्नी अर्पिता तिर्की को बुलाकर शव को दिखाया गया। इस पर दोनों ने उसकी पहचान अभिषेक लाकड़ा के रूप में की।
शिनाख्ती के बाद पुलिस को मिली सफलता
शव की शिनाख्ती के बाद पुलिस को प्रकरण सुलझाने में सफलत मिलने लगी। विवेचना के दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि घटना के दो दिन पहले अभिषेक लाकड़ा का उसके मौसेरे भाई से झगडा हुआ था। संदेह के आधार पर मृतक के मौसेरे भाई अभय एक्का, संदीप एक्का, पड़ोसी निर्दोष तिर्की निवासी बरजोर डूमरटोली थाना कांसाबेल को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। तीनों पहले तो पुलिस को गुमराह करते रहे लगातार और मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ पर अभय ने पूरी सच्चाई उगल दी।
शराब के नशे में करता था विवाद
अभय ने बताया कि अभिषेक लकड़ा इसके मौसेरा भाई है जो अक्सर शराब पीकर नशे में पहुंचकर घर में झगडा मारपीट करता रहता था। जमीन को भी गिरवी रख देता था। 10 सितंबर 2024 की शाम करीब 6-7 बजे अभिषेक लकड़ा शराब के नशे में गाली गलौज हल्ला करते घर आया। अभय, अभय के भाई व मां से गाली गलौच, लड़ाई झगड़ा करने लगा। तब इन लोगों ने उसे माना किया तो और भी उग्र होकर मारपीट पर उतारू हो गया। तब अभय ने लकड़ी के फाड़ा से हाथ पैर में मारा जिससे दाहिने पैर चोट लगकर पैर टूट गया। अभिषेक को अस्पताल ले जाने से पुलिस केस होने का डर होने से ईलाज नहीं कराया। हमेशा के लिये भाई अभिषेक को रास्ते से हटाने का प्लान बनाया।
रास्ते से हटाने का बनाया प्लान
इसके बाद दूसरे 11.09.24 को रात में अपने भाई संदीप एक्का, मृतक के भाई अनुप लकड़ा एवं पड़ोसी निर्दोष तिर्की से मिलकर घटना को अंजाम देने के बारे में चर्चा किया और भाई अभिषेक रोज रोज परेशान करता है उसको हमेशा के लिये खत्म कर देते है, कोई नहीं जानेगा। मम्मी, पापा को बतायेंगे की ईलाज के लिये वैद्य के पास ले जाएंगे, और कहीं ले जाकर निपटा देंगे। तब तीनों साथ देने के लिये तैयार हो गये। फिर रात करीब 2:00 बजे सभी मिलकर अभिषेक लकड़ा को उठाये और बोले की तुम्हारे पैर में ज्यादा दर्द है, चलो बंदरचुआ वाले वैद्य से ईलाज कराएंगे। घटना को अंजाम देने लिये अभय अपने पास घर से एक नायलीन की रस्सी एवं लोहे का पट्टीदार लकड़ी का बेठ लगा चाकू रख लिया था।
नायलोन की रस्सी से गला घोंटा और फिर सिर धड़ से किया अलग
अभिषेक लाकड़ा को अभय के मारूती वेन कमांक MP 05 BA 1729 साथ में लेकर चौगरीबहार रोड तरफ मेन रोड़ तक तरफ से बाये फिर गाड़ी को श्रीटोली के पास रोड किनारे घने जंगल के पास रोके और मारुती के वेन का गेट खोलकर सभी नीचे उतरे। फिर अभय एक्का, अभिषेक के गले में अचानक नायलोन रस्सी फंसाकर दबाकर गाड़ी के बाहर निकाला, 10-12 मीटर रोड से नीचे जंगल में ले जाकर नायलोन रस्सी से उसका गला घोट दिया। अभिषेक शांत हो गया तब अपने पास रखे चाकू से जमीन में बैठ कर अभिषेक का गला धीरे धीरे काटा। इसके बाद सिर और धड़ को अलग अलग जगह फेंक दिया। चाकू, नायलोन रस्सी एवं उसका चप्पल सिर के पास रख दिया। इसके बाद सभी चले गए। घर वालों पूछने पर सभी ने बहाना बना दिया। आरोपी अभय एक्का ने पूछताछ में पुलिस को यह भी बताया किया कि ऐसे खौफनाक घटना को अंजाम देकर बच जाने की तरकीब उसे काईम पेट्रोल देखने से दिमाग में आई थी।
आरोपियों को गिरफ्तार कर भेजा जेल
प्रकरण की विवेचना के दौरान आरोपी अभय एक्का द्वारा मृतक से पैर में मारकर चोट पहुंचाया गया लकडी फाड़ा, पहने लोवर में खून लगा कपडा, आरोपी का घटना समय पहना कपडा एवं परिवहन में उपयोग किया मारूती ओमनी वाहन जब्त किया गया है। आरोपी संदीप एकका से मृतक का मोबाईल एवं उसका मोबाईल जब्त किया गया। इस मामले में पुलिस ने अभय एक्का उम्र 30 वर्ष, संदीप एक्का उम्र 41 वर्ष, निर्दोष तिर्की उम्र 35 वर्ष व अनुप लकड़ा उम्र 30 वर्ष गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है। इस पूरे मामले का पर्दाफाश करने में पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह के नेतृत्व में एएसपी अनिल सोनी, डीएसपी विजय राजपूत, डीएसपी भावेश समरथ, थाना प्रभारी कांसाबेल गौरव पाण्डेय, थाना प्रभारी कुनकुरी एसआई सुनील सिंह, एसआई संतोष तिवारी, एएसआई ईश्वर प्रसाद वारले, सायबर टीम णएसआई नसरूद्दीन अंसारी एवं उनकी टीम का सराहनीय योगदान रहा।