वाराणसी (श्रीकंचनपथ डेस्क)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह वाराणसी से नामांकन दाखिल किया। पीएम सुबह 9.30 बजे दशाश्वमेध घाट पहुंचे, जहां उन्होंने 20 मिनट गंगा पूजन किया। इसके बाद आरती कर क्रूज से नमो घाट पहुंचे। पीएम ने काशी के कोतवाल कहे जाने वाले कालभैरव मंदिर में दर्शन-पूजन किया। इसके बाद कलेक्ट्रेट पहुंच नामंकन दाखिल किया। यहां से पीएम रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर पहुंचे और प्रबुद्ध सम्मेलन को संबोधित किया।
पीएम के नामांकन में महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, लोजपा (आर) प्रमुख चिराग पासवान, आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू और रालोद प्रमुख जयंत चौधरी के साथ ही दक्षिण के सुपरस्टार पवन कल्याण भी शामिल हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नामांकन दाखिल करने से पहले मंगलवार सुबह सोशल मीडिया हेंडल ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के जरिए काशी को संदेश दिया है। उन्होंने लिखा ‘काशी से मेरा अद्भुत रिश्ता है, अभिन्न है और अप्रतिम है। बस यही कह सकता हूं कि इसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता!
गौरतलब है कि पीएम मोदी 2014 से लगातार तीसरी बार वाराणसी से चुनाव लड़ रहे हैं। मोदी के नामांकन के वक्त सीएम योगी उनके पीछे बैठे नजर आए। पीएम मोदी के नामांकन में एनडीए के 12 राज्यों के मुख्यमंत्री और तमाम बड़े बीजेपी नेता शामिल हुए। पीएम मोदी 2014 में पहली बार यहां से सांसद निर्वाचित हुए थे। इसके बाद 2019 में भी उन्होंने इस सीट पर जीत हासिल की। आज नामांकन दाखिल करने से पहले पीएम मोदी ने दशाश्वमेध घाट पर मां गंगा की पूजा की। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी काल भैरव मंदिर पहुंचे। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए।
…जिसे हाथ जोड़कर मोदी ने किया प्रणाम
पीएम मोदी के नामांकन के लिए चार प्रस्तावक – पंडित गणेश्वर शास्त्री, बैजनाथ पटेल, लालचंद कुशवाहा और संजय सोनकर रहे। पीएम मोदी जब नामांकन करने पहुंचे तब उन्होंने जिलाधिकारी एस. राजलिंगम को दोनों हाथ जोड़कर प्रणाम किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचकर अपना नामांकन दाखिल किया। उल्लेखनीय है कि एस. राजलिंगम वाराणसी जिले के जिलाधिकारी हैं। एस राजलिंगम तमिलनाडु के रहने वाले हैं और 2009 बैच के आईएएस अफसर हैं। इन्होंने बीटेक किया हुआ है। एस राजलिंगम इससे पहले उत्तर प्रदेश के बांदा में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट, औरेया में डीएम और लखनऊ में विशेष सचिव दुग्ध विकास विभाग में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। सोनभद्र और कुशीनगर में भी डीएम रह चुके हैं। इसके अलावा राजलिंगम सुल्तानपुर में कलेक्टर, अयोध्या के नगर आयुक्त, बेसिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव, शहरी विकास विभाग के विशेष सचिव के तौर पर भी अपनी सेवाएं चुके हैं।
2 ओबीसी, 1 दलित, 1 बाह्मण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नामांकन दाखिल किया तो उनके चार प्रस्तावक भी तैयार थे। जिसमें पंडित गणेश्वर शास्त्री, बैजनाथ पटेल, लालचंद कुशवाहा और संजय सोनकर शामिल हैं। इनमें पंडित गणेश्वर शास्त्री ने ही अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त निकाला था, ये ब्राह्मण समाज से हैं। वहीं, बैजनाथ पटेल ओबीसी समाज से आते हैं और संघ के पुराने और समर्पित कार्यकर्ता रहे हैं। लालचंद कुशवाहा भी ओबीसी समुदाय से हैं। जबकि संजय सोनकर दलित समाज से हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लडऩे के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए 10 प्रस्तावकों की जरूरत होती है। कई बार प्रस्तावकों के कारण चुनाव का रुख ही बदल जाता है। जैसा इस बार सूरत लोकसभा सीट पर देखने को मिला। नियमों के अनुसार, अगर कोई उम्मीदवार किसी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहा है, तो निर्वाचन क्षेत्र के एक मतदाता को उसकी उम्मीदवारी का प्रस्ताव देना आवश्यक होता है।