भिलाई (श्रीकंचनपथ न्यूज़)। राजधानी रायपुर से लेकर दुर्ग तक जिले के 6 विधानसभा क्षेत्रों में टिकट को लेकर कयासों का दौर जारी है। कांग्रेस में जहां वैशाली नगर को छोड़कर बाकी सीटों पर प्रत्याशी लगभग तय बताए जा रहे हैं, वहीं भाजपा ने इकलौती पाटन सीट पर सांसद विजय बघेल को मैदान में उतार दिया है। बाकी की 5 सीटों के लिए जो नाम सामने आ रहे हैं, वह बहुतेरे लोगों को चौंका सकते है। दुर्ग ग्रामीण सीट पर जहां भाजपा महिला प्रत्याशी पर दाँव लगा सकती है, वहीं दुर्ग शहर सीट पर प्रत्याशी का नाम बेहद चौंकाने वाला हो सकता है। इसके अलावा वैशाली नगर व अहिवारा क्षेत्र में वहां प्रतिनिधित्व कर चुके नेताओं को टिकट दिए जाने की संभावना जताई जा रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जिन प्रत्याशियों के नामों की चर्चा है, यदि उन्हें टिकट मिलती है तो भाजपा को इस बार भी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
विधानसभा चुनाव के लिए इस बार टिकट की कवायद भाजपा में जहां सीधे दिल्ली से चल रही है, वहीं कांग्रेस ने एक बार फिर लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत ब्लाक स्तर से आवेदन मंगवाए हैं। दोनों ही दल सर्वे और उसके नतीजों को प्राथमिकता दे रहे हैं। इन हालातों में किसे टिकट मिलेगा और किसका टिकट कटेगा, इसे लेकर सिर्फ कयास ही लगाए जा सकते हैं। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के सूत्रों की मानें तो दुर्ग जिले की 5 सीटों पर सभी विधायकों को टिकट मिलना तय है। सिर्फ वैशाली नगर सीट, जहां 2018 में भाजपा को जीत मिली थी, वहां से प्रत्याशी घोषित करना है। बताते हैं कि क्योंकि सभी 5 सीटों पर पार्टी पुरूष प्रत्याशी उतारने जा रही है, ऐसे में संभव है कि वैशाली नगर से किसी महिला को टिकट दे दी जाए। यह भी संभावना जताई जा रही है कि इस सीट से किसी सामान्य वर्ग के प्रत्याशी को भी उतारा जा सकता है। विगत चुनाव में दुर्ग सीट से अरूण वोरा, भिलाई नगर सीट से देवेन्द्र यादव, दुर्ग ग्रामीण से ताम्रध्वज साहू, पाटन से भूपेश बघेल व अहिवारा से गुरू रूद्र कुमार ने जीत दर्ज की थी। संभावना है कि पार्टी इन सभी को एक बार फिर से रिपीट करे। राजनीति में रूचि रखने वाले ज्यादातर लोगों को कांग्रेस के इस टिकट वितरण पर कोई संदेह नहीं होना चाहिए। इन 5 में से 1 विधायक का टिकट काटे जाने की बातें कही जा रही है, हालांकि प्रदेश कांग्रेस के नेता ऐसी किसी संभावना से इनकार कर रहे हैं।
भाजपा में भी दावेदारों की भरमार
रविवार को जिले के विधानसभा क्षेत्रों का मूड भांपने के हिसाब से भाजपा के पर्यवेक्षक कार्यकर्ताओं से मिले तो शक्ति-प्रदर्शन की स्थितियां निर्मित हो गई। जबकि पर्यवेक्षक भेजने का पार्टी का आशय सिर्फ यही था कि कार्यकर्ताओं से रूबरू होकर उनकी राय जानी जाए। भाजपा में इस बार प्रत्याशी चयन के लिए अलग पैमाने अपनाए गए है। पार्टी ने सीधे दिल्ली से सर्वे कराया, प्रादेशिक व स्थानीय नेताओं का मंतव्य जाना और इसके बाद पहली सूची जारी कर दी। इस पूरी प्रक्रिया में कहीं भी जमीनी कार्यकर्ताओं को तवज्जो नहीं मिली। अब पार्टी को इस बात का डर सता रहा है कि दिल्ली से सीधे घोषणा करने से क्षेत्र में नाराजगी फैल सकती है और कार्यकर्ता घर बैठ सकते हैं। इसीलिए अब पर्यवेक्षक भेजकर कार्यकर्ताओं या स्थानीय नेताओं से रायशुमारी कर उन्हें एकजुटता का संदेश दिया जा रहा है। हालांकि जानकारों का मानना है कि भाजपा ने सभी 90 सीटों के लिए प्रत्याशी पहले ही तय कर रखे हैं। वर्तमान में अपनाई जा रही प्रक्रिया महज कार्यकर्ताओं से संवाद तक ही सीमित है।
कांग्रेस से इनकी टिकट पक्की!
भले ही कांग्रेस में फिलहाल टिकट वितरण प्रक्रियाओं में है, लेकिन पार्टी के जानकारों की मानें तो जिले की 6 में से 5 सीटों पर प्रत्याशी लगभग तय हैं। ये वे 5 सीटें हैं, जहां वर्तमान में पार्टी के विधायक हैं। दुर्ग सीट से अरूण वोरा की टिकट फायनल बताई जा रही है। वहीं भिलाई नगर से देवेन्द्र यादव एक बार फिर कांग्रेस के सशक्त दावेदार होंगे। दुर्ग ग्रामीण सीट पर ताम्रध्वज साहू का कोई विकल्प नहीं है, वहीं पाटन से स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल विधायक हैं। अहिवारा क्षेत्र में भी गुरू रूद्र कुमार का नाम तय माना जा रहा है। हालांकि हाल ही में उनके नवागढ़ पलायन की खबरें भी आई थी। यदि स्थितियां ठीक-ठाक रही तो पार्टी के इन 5 प्रत्याशियों के टिकट फायनल हैं। वहीं कांग्रेस में पेंच सिर्फ वैशाली नगर सीट को लेकर फंसा हुआ है। जिले की यह इकलौती सीट है, जहां भाजपा को जीत मिली थी, इसलिए कांग्रेस का पूरा जोर इस सीट को हासिल करने पर है। जाहिर है कि कार्यकर्ताओं को यहां जीतने वाले प्रत्याशी का इंतजार है।
भाजपा इन नामों पर चल सकती है दाँव!
बात यदि भारतीय जनता पार्टी की करें तो उसे मुख्यमंत्री के जिले में इस बार सेंधमारी के लिए खासी कवायद करनी पड़ सकती है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, सर्वे के नतीजों और वरिष्ठ नेताओं से रायशुमारी के बाद दिल्ली तक जो नाम गए हैं, उनमें अहिवारा क्षेत्र से पूर्व विधायक महंत डोमनलाल कोर्सेवाड़ा का नाम शामिल है। अहिवारा जिले की इकलौती आरक्षित सीट है, जहां से कोर्सेवाड़ा पहले भी विधायक रह चुके हैं। पार्टी ने पाटन सीट से पहले ही सांसद विजय बघेल के नाम का ऐलान कर दिया था। बताते हैं कि दुर्ग ग्रामीण सीट से जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष माया बेलचंदन का नाम प्रमुखता में है। वहीं भिलाई नगर सीट से पूर्व विधायक प्रेमप्रकाश पाण्डेय की टिकट तय मानी जा रही है। दुर्ग सीट की बात करें तो भाजपा यहां से अभिनव प्रयोग कर सकती है। बताते हैं कि दुर्ग सीट के लिए प्रदेश के कई बड़े नेताओं ने पूर्व विधायक स्व. हेमचंद यादव के पुत्र जीत यादव के लिए तगड़ी लामबंदी कर रखी है। जीत, फिलहाल भाजयुमो के जिलाध्यक्ष हैं। वहीं वैशाली नगर से राज्यसभा सांसद सरोज पाण्डेय का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है।
ऐसी भी चर्चा…
भाजपा में इस बात की भी चर्चा है कि पार्टी ने राज्यसभा सांसद सरोज पाण्डेय को चुनाव लड़वाने का मन बना रखा है। हालांकि उनका नाम वैशाली नगर से लिया जा रहा है, लेकिन पार्टी उन्हें दुर्ग शहर सीट से भी उतार सकती है। इसी तरह दुर्ग ग्रामीण सीट पर माया बेलचंदन का नाम सबसे पहले है, लेकिन यहां से पूर्व मंत्री रमशिला साहू का नाम भी चर्चा में है। जानकार बताते हैं कि यहां महिला को ही प्रत्याशी बनाए जाने की तैयारी है। दुर्ग सीट पर जीत यादव का नाम अप्रत्याशित माना जा रहा है, लेकिन हेमचंद यादव के निधन के बाद भी जीत यादव को चुनाव लड़वाने की बातें हुई थी। उस वक्त उम्र कम होने की वजह से उनका नाम टिकट की दौड़ से बाहर हो गया था। भाजपा का दूसरा गुट जीत यादव के नाम को पता पाएगा, इसकी संभावना कम ही है।