भिलाई (श्रीकंचनपथ न्यूज़)। छत्तीसगढ़ कांग्रेस में टिकट वितरण की चल रही प्रक्रिया की बीच एक बड़ी और महत्वपूर्ण खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि पार्टी अपने एक दर्जन से ज्यादा विधायकों के टिकट काटने जा रही है। संगठन स्तर पर इसके संकेत तो मिल ही रहे हैं, स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी यह बात स्पष्ट कर दी है। ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी आखिर किन-किन विधायकों के टिकट काट सकती है? हालांकि कांग्रेस में प्रत्याशियों की पहली सूची सितम्बर के पहले हफ्ते में जारी होने की बातें कही जा रही है, लेकिन छत्तीसगढ़ की कुल 5 सीटों पर प्रत्याशी लगभग तय माने जा रहे हैं। ये वो सीटें हैं, जहां से दावेदार का इकलौता नाम सामने आया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कल यह संकेत देकर पार्टी के विधायकों को चौंका दिया था कि कुछ कमजोर विधायकों को इस बार चुनाव मैदान में नहीं उतारा जाएगा। उन्होंने कहा था कि इन विधायकों को पार्टी-संगठन दूसरी जिम्मेदारी देगा। कांग्रेस पार्टी में विधायकों के टिकट काटने की परंपरा नहीं रही है। इसलिए प्रत्येक विधायक अपनी सीट को पहले से ही तय मानकर चलता है। लेकिन बताते हैं कि इस बार स्थितियां विपरीत हैं। सीएम भूपेश को कड़े और बड़े फैसलों के लिए जाना जाता है। वे आक्रामक राजनीति करते रहे हैं। ऐसे में विधायकों के टिकट काटे जाने की संभावना भी पुष्ट होती है। भूपेश बघेल देश के उन चुनिंदा लोगों में हैं, जिन पर पार्टी आलाकमान पूरा भरोसा करता है। इसलिए राज्य में दोबारा सरकार बनाने के लिए सीएम भूपेश की अनुशंसाओं को दरकिनार किए जाने की संभावना कम ही है। लगातार सिमटते जनाधार के बीच कांग्रेस आलाकमान भी चाहता है कि छत्तीसगढ़ जैसा राज्य हाथ से न फिसले। ऐसे में सीएम भूपेश की उपयोगिता और भी बढ़ जाती है। पार्टी के जानकारों की मानें तो कांग्रेस में प्रत्याशियों के नाम औपचारिक रूप से काफी पहले से ही तय कर लिए गए थे। इन नामों को सर्वे के आधार पर व्यवस्थित भी किया जा चुका है। ब्लाक स्तर पर आवेदन मंगाने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जिला स्तर से भी दावेदारों के नाम प्रदेश संगठन तक पहुंचने को है। अब सिर्फ इन नामों में कांट-छांट कर हाईकमान तक भेजने की अंतिम प्रक्रिया बची है। इसे भी जल्द ही निपटा लिया जाएगा। उसके बाद दिल्ली से प्रत्याशियों की पहली सूची जारी होगी। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, पहली सूची में जीतने वाले उम्मीदवारों के नाम होने की पूरी संभावना है।
इन 5 सीटों पर प्रत्याशी तय
भाजपा द्वारा प्रत्याशियों की पहली सूची जारी होने के बाद कांग्रेस में भी हलचल बढ़ गई है। इस बीच छत्तीसगढ़ की 5 ऐसी सीटें हैं, जहां से उम्मीदवारों के नामों को तय माना जा रहा है। दरअसल, इन 5 सीटों पर दावेदारों के महज एक-एक नाम ही सामने आए हैं। इनमें राज्य की सबसे हाई प्रोफाइल सीट पाटन भी शामिल हैं। यहां से सीएम भूपेश के अलावा दूसरा कोई दावेदार सामने नहीं आया है। पाटन के अलावा बस्तर की कोंटा सीट से भी वरिष्ठ नेता कवासी लखमा के रहते किसी अन्य ने दावेदारी नहीं की है। रायगढ़ जिले की खरसिया सीट से उमेश पटेल, भरतपुर-सोनहत से गुलाब कमरो व बेमेतरा जिले की साजा सीट से कद्दावर नेता रविन्द्र चौबे के नाम भी सिंगल हैं। ऐसे में इन 5 सीटों पर प्रत्याशी पहले से ही तय माने जा रहे हैं। साजा क्षेत्र को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। वहीं भरतपुर सोनहत क्षेत्र भी हाई प्रोफाइल सीटों में से एक है। रायगढ़ के वर्तमान विधायक उमेश पटेल वर्तमान में भूपेश मंत्रिमंडल में उच्च शिक्षामंत्री हैं। वहीं बस्तर की कोंटा सीट पर कवासी लखमा 1998 से अब तक अपराजेय हैं।

अब 75 प्लस कांग्रेस का लक्ष्य
2018 के चुनाव में भाजपा आलाकमान ने स्थानीय नेताओं को 75 प्लस का लक्ष्य दिया था। तब भाजपा प्रदेश में सत्ता में थी। 75 सीटों के विपरीत भाजपा 15 सीटों के अंतर सिमटकर रह गई थी। इस बार कांग्रेस सत्ता में है तो उसने भी 75 प्लस का लक्ष्य रखा है। समय और सत्ता जरूर बदले है, लेकिन लक्ष्य वही है। भाजपा इस बार ऐन-केन-प्रकारेण सत्ता में आने की जुगत लगा रही है, इसलिए उसने कोई आंकड़ा तय नहीं किया है, लेकिन पार्टी के जानकारों का कहना है कि 46 के आसपास सीटें आ जाना भी संतुष्टिदायक होगा, लेकिन भाजपा का प्राथमिक उद्देश्य फिलहाल सत्ता हासिल करना है। इसके विपरीत कांग्रेस यह तय मानकर चल रही है कि उसकी सत्ता में वापसी होने जा रही है। इसीलिए उसने अपने लिए वांछित बहुमत से बहुत आगे की सोच रखी है। भाजपा ने चुनाव तारीखों के ऐलान से पहले ही प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है, उसकी दूसरी सूची भी जल्द ही जारी होने को है, वहीं कांग्रेस भी जल्द से जल्द प्रत्याशियों की पहली सूची जारी करने को बेताब नजर आ रही है।




