कांग्रेस ने ट्विनसिटी से बनाए हैं 3 महासचिव व 6 सचिव
भिलाई (श्रीकंचनपथ न्यूज़)। चुनावी तैयारियों और टिकट वितरण की प्रक्रिया की बीच प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने संगठन का विस्तार किया है। यह भारी भरकम विस्तार तब किया गया, जब पार्टी में टिकट वितरण के लिए आवेदन की प्रक्रिया खत्म हो गई। संगठन के विस्तार में कई ऐसे लोगों को भी शामिल किया गया है, जिन्होंने अगले विधानसभा चुनाव के लिए दावेदारी की है। इसलिए सवाल उठना लाजिमी है कि क्या प्रदेश संगठन के नए विस्तार में ऐसे लोगों को शामिल किया गया है, जिन्हें चुनाव में टिकट नहीं देना है? क्या उनमें किसी तरह का असंतोष न पनपे, इसलिए संगठन में पद देकर पहले ही संतुष्ट कर दिया गया? गौरतलब है कि कांग्रेस में टिकट के लिए ब्लॉक स्तर पर आवेदन की प्रक्रिया निर्धारित की गई थी। इसके तहत प्रत्येक दावेदार को अपने ब्लाक में आवेदन करना था। इसके लिए 17 से 24 अगस्त तक का वक्त तय किया गया था। ब्लाक के बाद जिला और जिले के बाद प्रदेश स्तर पर आवेदनों के पहुंचने और अंत में दिल्ली से नामों की घोषणा करने की प्रक्रिया तय की गई है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने गुरूवार को छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस में संगठन का विस्तार करते हुए 23 महासचिव व 140 सचिवों की नियुक्तियां की। संगठन के विस्तार में सिर्फ इन दो पदों पर ही नियुक्तियां हुई है। नियुक्तियों में बहुधा ऐसे लोगों के नाम शामिल किए गए हैं, जिन्होंने विधानसभा चुनाव लडऩे की इच्छा जाहिर करते हुए आवेदन किया है। कई नाम ऐसे भी हैं, जो दावेदारों के रिश्तेदारों के हैं। ट्विनसिटी से 3 महासचिव बनाए गए हैं। इनमें राजेन्द्र साहू व जितेन्द्र साहू के अलावा दीपक दुबे के नाम शामिल हैं। राजेन्द्र साहू वर्तमान में जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष हैं। उनकी दुर्ग सीट पर दावेदारी मानी जा रही थी। इसी तरह गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के पुत्र जितेन्द्र साहू को भी कहीं न कहीं टिकट का दावेदार बताया जा रहा था। दोनों पूर्व में भी महासचिव रहे हैं। वहीं इस पद के लिए दीपक दुबे का नाम नया है। दीपक दुबे ने वैशाली नगर क्षेत्र से टिकट के लिए आवेदन किया है। इन 3 महासचिवों के अलावा ट्विनसिटी से कुल 6 सचिव भी मनोनीत किए गए हैं। ये हैं – अतुलचंद्र साहू, मोहम्मद इरफान खान, संदीप वोरा, नीलिमा राबिन्स, अय्यूब खान व सौरभ दत्ता। इनमें से मोहम्मद इरफान खान व अय्युब खान ने भी चुनाव लडऩे का आवेदन जमा कराया है। जिले से 1 सीट अल्पसंख्यक समुदाय दी जाती रही है, संभवत: इसीलिए दोनों ने भावी संभावनाओं के मद्देनजर आवेदन किया है। वहीं दुर्ग के विधायक संदीप वोरा का नाम इस सूची में जरूर चौंकाता है, क्योंकि संदीप ने युवक कांग्रेस का चुनाव लड़ा था और वे वर्तमान में युकां के प्रदेश महासचिव हैं।
पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो कांग्रेस ने ज्यादातर सीटों पर प्रत्याशियों के नाम पहले से ही तय कर रखे हैं। ब्लाक और जिला स्तर पर आवेदनों की जो प्रक्रिया है, उसके जरिए कार्यकर्ताओं को चार्ज करने और उनमें संभावनाएं तलाशने का काम किया जा रहा है। बताते हैं कि पार्टी को टिकट वितरण के बाद आंतरिक गड़बडिय़ों का अंदेशा है, इसलिए प्रत्येक सीट पर नेताओं-कार्यकर्ताओं की महत्वाकांक्षाओं को आंका जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, वर्तमान में संगठन का विस्तार भी इसी के मद्देनजर किया गया है। दरअसल, पार्टी सभी दावेदारों को चुनाव के दौरान भी अपने साथ जोड़े रखना चाहती है। एक व्यक्ति को टिकट देने से बाकी के दावेदारों में निराशा घर कर जाती है। इसलिए बहुत सारे लोगों को संतुष्ट करने के लिहाज से संगठन में पद दिए गए हैं।

सभी सीएम-गृहमंत्री के समर्थक
जिन 9 लोगों को प्रदेश कार्यकारिणी में जगह दी गई है, उनमें से लगभग सभी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के समर्थक हैं। ऐसे में समर्थकों को साथ बनाए रखने के लिहाज से भी नए पदाधिकारियों के मनोनयन को देखा जा रहा है। पार्टी से ऐसे भी संकेत मिले हैं कि प्रदेश में कांग्रेस की दोबारा सरकार बनने की स्थिति में टिकट के वर्तमान दावेदारों को ध्यान में रखा जाएगा। उस दौरान कई तरह की नियुक्तियों या मनोनयन में ऐसे नामों को वरीयता दी जाएगी, जिन्होंने दावेदारी की और टिकट न मिलने के बाद भी पार्टी के लिए निष्ठा व समर्पण से काम किया। वहीं कई प्रमुख लोगों को लोकसभा और नगरीय निकायों के चुनाव में भी प्राथमिकता मिलेगी। हालांकि फिलहाल पार्टी का पूुरा जोर विधानसभा चुनाव के दौरान एकजुटता प्रदर्शित करने पर है। पार्टी के नेताओं का मानना है कि यदि कांग्रेस के नेता व कार्यकर्ता एकजुट रहे तो छत्तीसगढ़ में दोबारा सरकार बनाने से कोई नहीं रोक पाएगा।