फरीदाबाद। बाजार में शुद्ध देशी घी के कई ब्रांड उपलब्ध हैं। अनिक, मधुसूधन, पतंजलि, अमूल आदि नाम से हम और आप घी जरूर खरीदकर खाते हैं। लेकिन क्या हम और आप जो घी खा रहे हैं वह असली है या नकली। दिल्ली पुलिस के फरीदाबाद क्षेत्र में पुलिसने एक नकली घी बनाने वाली फैक्ट्री में दबिश दी है। यहां से पुलिस ने भारी मात्रा में नकली घी व नामी कंपनियों का पैकिंग मटेरियल जब्त किया है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। जेल जाने से पहले आरोपी ने पुलिस को नकली घी बनाकर भी दिखाया।
क्राइम ब्रांच सेक्टर 30 टीम ने पल्ला थाना इलाके से नकली घी बनाने की फैक्टरी पकड़ी। मौके से संचालक बलदेव गोयल को गिरफ्तार कर चार दिन के रिमांड पर लिया गया। इस दौरान बलदेल ने बताया वह दिल्ली से अलग-अलग ब्रांड की पैकिंग खरीद कर लाता है। यहां से ही वह नकली को असली जैसा बनाने वाली खुशबू से भरा स्प्रे (परफ्यूम) भी लाता है। सारा खेल इस खुशबू का ही है। आरोपी द्वारा तैयार किया गया नकली रसायन खुशबू के मामले में असली देशी घी को भी मात दे रहा था। यही खुशबू है जिससे लोग असली और नकली की पहचान नहीं कर पाते।
आरोपी ने बताया नकली घी तैयार करने में मात्र 100 ग्राम परफ्यूम से 30 लीटर नकली देशी घी तैयार किया जा सकता है। बाजार में इसे वह आसानी से 650 रुपये किलो तक बेच रहा था। नकली देशी घी बनाने के दौरान 15 लीटर रिफाइंड, 15 लीटर वनस्पति घी को गर्म करके आपस में मिला लिया जाता है। गर्म करने के दौरान ही करीब 100 ग्राम खुशबू को मिला दिया जाता है, ठंडा होने के बाद देशी घी तैयार। इसे अलग अलग ब्रांड की पैकिंग में पैक करने के बाद आसानी से बाजार में बेच दिया जाता है।
आरोपी ने पुलिस को बताया उसने यू ट्यूब पर नकली घी बनाना सीखा था। पहले घर पर ही कम मात्रा में तैयार कर कुछ लोगों को खिलाया। मामला पकड़ में न आने पर इसे बड़े स्तर पर शुरू कर दिया। आरोपी का दावा है कि नकली घी में डाली जाने वाली कृत्रिम खुशबू की चार साल तक भी नहीं जाती। आरोपी पिछले करीब नौ माह से सूर्या कॉलोनी स्थित सेहतपुर के गली नंबर-8 में फैक्टरी चला रहा था। पुलिस को रेड के दौरान मौके से मधुसूदन, आनंदा व पतंजली सहित कई नामी कंपनियों के ब्रांड के तैयार व खाली पैकेट मिले थे। आरोपी इन्हें असली बताकर बाजार में खुलेआम बेच रहा था। जांच में सामने आया आरोपी ने अपना नेटवर्क दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, राजस्थान, गुरुग्राम, पलवल, सोनीपत तक फैला रखा था।