रायपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में कांग्रेस (Congress) ने साल 2018 के विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में 15 सालों से काबिज रमन सरकार को हराकर बड़ी जीत हासिल की थी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अगुवाई में सरकार अब अपना एक साल पूरा कर चुकी है. एक साल पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने अपने दो सहयोगियों टीएस सिंहदेव (TS Singhdeo) और ताम्रध्वज साहू (Tamradhwaj Sahu) के साथ शपथ ली थी. इसके कुछ घंटे के भीतर ही सरकार ने तीन बड़े फैसले लिए थे. इसमें से दो धान खरीद और कर्ज माफी सीधे किसानों से जुड़े थे. इन फैसलों ने इस बात का स्पष्ट संकेत दे दिया था कि सरकार का फोकस गांव, किसान और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर ज्यादा रहने वाला है. एक साल के भीतर ही सरकार ने एक-एक कर जन घोषणा पत्र (Manifesto) के कई वादे पूरे कर दिए. लेकिन किसानों की ऋण माफी, ढाई हजार रुपए धान का समर्थन मूल्य, शराबबंदी जैसे कुछ वादे अभी भी सरकार पूरा नहीं कर पाई है.
विपक्ष ने लगाया नाकामी का आरोप
भूपेश सरकार के कार्यकाल को 1 साल का ही वक्त हुआ है. लेकिन विपक्ष ने सरकार को पूरी तरह से नाकाम बताते हुए आरोपों की झड़ी लगा दी है. शराबबंदी और 25 सौ रुपए समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी को लेकर विपक्ष ने सरकार पर ठगने का आरोप लगाया है. इस मसले पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह (Former CM Dr. Raman Singh) ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने जो वादे किए थे वो सारे वादे अधूरे रह गए. वादों के हिसाब का कोई काम नहीं हुआ न तो फंड मिला. कांग्रेस पूरी तरह से असफल रही है.
तो वहीं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल (Brijmohan Aggarwal) का कहना है कि कांग्रेस सरकार का एक साल पूरी तरह नाकारा साबित हुआ है. शहरों का विकास हुआ ही नहीं है. बीजेपी (BJP) सरकार को दौरान दो पैसे नगरीय निकायों के लिए भेजे गए थे कांग्रेस सरकार ने उस भी वापस ले लिया है.
कांग्रेस ने कहा- वादे किए पूरे
इधर कांग्रेस (Congress) के संचार विभाग के प्रमुख शैलेष नितिन त्रिवेदी की दलील है कि चुनाव से पहले किये गये वादे 5 साल में पूरे करने के लिए थे जिनमें से भूपेश सरकार ने ज्यादातर वादों को पूरा किया है. जबकि बीजेपी ने प्रदेश में सरकार रहते हुए जनता को धोखा दिया.