शुरू हुई लीज की रजिस्ट्री, सीएम से मिलेंगे रजिस्ट्री के पंजीयनकत्र्ता
भिलाई। वर्षों से अटकी लीज रजिस्ट्री की प्रक्रिया आज से शुरू हो गई। सुबह 11 बजे जिला पंजीयन कार्यालय में जब यह प्रक्रिया प्रारम्भ हुई तो लीजधारकों ने राहस की सांस ली। लीज की रजिस्ट्री का मामला विगत कई वर्षों से अटका पड़ा था। इस मामले को राजनीतिज्ञों से लेकर अफसर तक सुलझा नहीं पा रहे हैं। विधायक देवेन्द्र यादव व महापौर नीरज पाल की पहल व भागीरथ प्रयासों के चलते अब लीज रजिस्ट्री मामले का स्थाई समाधान मिला है।

12 जुलाई बुधवार का दिन टाउनशिपवासियों के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ, क्योंकि आज से ही बीएसपी के लीज में दिए गए आवासों की रजिस्ट्री प्रक्रिया प्रारम्भ हुई। बीएसपी ने इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए अपने 3 अधिकारियों को पॉवर ऑफ अटर्नी के लिए चुना है। यही अधिकारी आज रजिस्ट्री प्रक्रिया के दौरान बीएसपी की ओर से शामिल हुए। इस अफसरों में जनरल मैनेजर (लीज) विजय शर्मा, सहायक जनरल मैनेजर (लीज) यशवंत साहू और प्रबंधक (लीज) नितिन कनिकदले शामिल हैं। इससे पहले बीएसपी प्रबंधन और जिला प्रशासन ने अपने-अपने स्तर पर तमाम प्रक्रियाओं को अंजाम दिया। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक कई लोग रजिस्ट्री करवाने पहुंचे थे, जिन्हें विधायक देवेन्द्र यादव व महापौर नीरज पाल अपने साथ मुख्यमंत्री से मिलवाने भी ले जाएंगे। रजिस्ट्री प्रक्रिया के दौरान भी दोनों नेता साथ थे।
गौरतलब है कि 2002 में बीएसपी ने अपने वर्तमान व भूतपूर्व कर्मचारियों को संयंत्र आवासों को 30 वर्षीय लीज पर प्रदान किया था। उस वक्त बीएसपी द्वारा लीज एग्रीमेंट किया था। लीज डीड की रजिस्ट्री नहीं की गई थी। इस संबंध में लीजधारकों द्वारा काफी प्रयास किया गया। लेकिन नेतृत्व के प्रयासों में कुछ कमियां रह गई, नतीजतन मामला अटक गया। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद भिलाई के युवा विधायक देवेन्द्र यादव व महापौर नीरज पाल ने यह बीड़ा स्वयं उठाया। भिलाई में अप्रैल में मुख्यमंत्री के भिलाई आगमन पर भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान उक्त नेताओं ने मुख्यमंत्री का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया। तब सीएम ने उक्त समस्या के समाधान के लिए खुद होकर पहल की। उन्होंने बीएसपी के डीआईसी अनिर्बान दास को निर्देशित किया, साथ ही शासन की ओर से कलेक्टर को लीज की कार्रवाई का आदेश दिया। इसके बाद विधायक, महापौर, बीएसपी, कलेक्टर व नगर निगम आयुक्त की संयुक्त बैठकें हुई। कई दौर की बैठकों के बाद सभी 4500 आवासधारकों को प्रपत्र जारी किया गया।

आधार, पेन और दो गवाह जरूरी
महापौर नीरज पाल ने बताया कि लीज धारकों को लीज एग्रीमेंट के आधार पर लीज डीड बनाकर बीएसपी द्वारा प्रदत्त नक्शा तथा आधार कार्ड, व पैन कार्ड दो प्रतियों में लीज अनुभाग नगर सेवा विभाग में जमा करना होगा। मुख्य फालि से इन दस्तावेजों की जांच होगी। इसके बाद एक प्रति पंजीयन के लिए लीजधारक को दी जाएगी। लीज धारक अपने लीज प्रीमियम एवं रेंट की राशि के आधार पर स्टांप ड्यूटी की गणना करेगा और उतनी राशि का स्टांप खरीद कर अपने लिज डीड में संलग्न करेगा। छत्तीसगढ़ शासन के पंजीयन कार्यालय के पोर्टल में पंजीयन कराए जाने हेतु समय की मांग करेगा और पोर्टल में दिए गए समय की सूचना दिया जाएगा। इसके बाद लीजधारक का दो गवाहों की मौजूदगी में लीज पंजीयन होगा।
इनकी रही महत्वपूर्ण भूमिका
विधायक देवेन्द्र यादव महापौर नीरज पाल ने लीज रजिस्ट्रीकरण की प्रक्रिया को मुख्यमंत्री तक पहुंचाया और जिला प्रशासन व संयंत्र प्रबंधन के अफसरों के सहयोग से उक्त कार्य अंजाम तक पहुंच पाया। इसमें कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा, निगम आयुक्त रोहित व्यास, डीआईसी बीएसपी अनिर्बान दासगुप्ता, जिला पंचायत पुष्प लता दुबे, सब रजिस्ट्रार कार्यालय दुर्ग और लीज अनुभाग बीएसपी के महाप्रबंधक विजय शर्मा की भूमिका भी बेहद अहम रही।