कांकेर। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में एक बारात की चर्चा हो रही है। आज के हाईटेक जमाने में दूल्हें ने बैलगाड़ियों पर अपनी बारात निकाली। बारात ने कोई एक दो किमी नहीं बल्कि पूरे 15 किमी तक का सफर तय किया। 18 बैलगाड़ियों से 100 बराती मंगल गीत गाते हुए निकले। इस दौरान दूल्हा भी पारंपरिक वेशभूषा में दिखा। बारात जहां से गुजरी वहां गांव वाले इसे देखने घर से बाहर निकल रहे थे। परंपरा को जीवंत रखने दूल्हें ने एक बेहतर पहल की जिसकी सभी सराहना कर रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार पिपली गांव के रहने वाले शंभू नाथ सलाम बड़गांव सर्कल के गोंडवाना समाज के अध्यक्ष हैं। उनकी शादी कराकपाल निवासी सविता के साथ तय हुई। गुरुवार 8 जून को दोपहर एक बजे उनकी बरात गांव से निकली और 15 किमी दूर करकापाल शाम करीब 4 बजे पहुंची। बारात में 18 बैलगाडियों पर बैठे 100 से अधिक बाराती आकर्षण का केन्द्र थे। बैलगाड़ी में बैठे बराती मंगल गीत गा रहे थे। आकर्षक सजावट के साथ बैलगाड़ियों को बारात में शामिल किया गया। यहीं नहीं दूल्हा भी पारंपरिक वेशभूषा में दिखा।
घर से बाहर निकलकर देखने लगे थे बारात
बरात जिस रास्ते से गुजरी लोग अपने घरों से निकलकर देख रहे थे। कुछ जगहों पर लोगों ने बरात के साथ सेल्फी और फोटो तक लिए। विशुद्ध देशी अंदाज में निकली बारात देख बुजुर्ग भी काफी खुश हुए और अपने पुराने दिनों को याद करने लगे। बुजुर्गों का कहना था कि चार पांच दशक पूर्व यह नजरा आम हुआ करता था लेकिन आज के जमाने में यह सब बहुत कम ही देखने को मिलता है। बारात को लेकर दूल्हा शम्भू नाथ का कहना है कि बैलगाड़ी पर बारात की हमारी पुरानी परम्परा है। परंपरा और संस्कृति को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से हमने इसे अपनाया है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के लोगों से पुरानी परंपरा को अपनाने की अपील भी की।





