लखनऊ (एजेंसी)। अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद हत्याकांड में नया अपडेट आया है। सूत्रों ने बताया कि हमलावरों को दोनों की हत्या के लिए सुपारी दी गई थी। अतीक और अशरफ की हत्या में शामिल तीनों आरोपियों को एडवांस में 10-10 लाख रुपए भी मिले थे। हालांकि अभी तक ये स्पष्ट नहीं है कि किसकी तरफ से इनको ये रकम या सुपारी दी गई थी, लेकिन इस खबर से उस बात को भी बल मिलता है कि यूपी में योगी सरकार पर जो लोग अतीक अहमद की हत्या करवाने के आरोप लगा रहे हैं उसकी जगह शायद आपसी रंजिश या अतीक की दुश्मन गैंग का भी इसके पीछे बड़ा हाथ हो सकता है। इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। सूत्र ने बताया कि तीनों में से एक आरोपी मोहित उर्फ सनी जेल में ही हैंडलर के संपर्क में आया था, जहां उसे मर्डर की सुपारी दी गई थी। यह बात भी पता चली है कि हैंडलर ने ही तीनों को पिस्टल और कारतूस भी मुहैया कराए थे।
अतीक अहमद और अशरफ की हत्या में लवलेश तिवारी (बांदा), मोहित उर्फ सनी (हमीरपुर) और अरुण मौर्य (कासगंज) के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने बताया कि तीनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 302 (हत्या) और 307 (हत्या के प्रयास) के अलावा आयुध अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने तीनों आरोपियों को रात में ही पकड़ कर घटना में प्रयुक्त असलहों को बरामद कर लिया था।

सूत्रों के मुताबिक, तीनों ही हमलावर एक-दूसरे को पहले से जानते थे। सनी और लवलेश की मुलाकात बांदा जेल में हुई थी, बाद में दोनों में दोस्ती हो गई, जबकि सनी और अरुण पहले से दोस्त थे और सनी ने ही लवलेश की अरुण से दोस्ती कराई थी। अतीक (60) और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात हमलावरों ने उस समय गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब पुलिस दोनों को चिकित्सकीय जांच के लिए प्रयागराज मेडिकल कॉलेज ले जा रही थी।
