-दीपक रंजन दास
पुलिस ने जानबूझकर ऐसा किया या अंग्रेजों से मिली विरासत को ही वे आगे बढ़ा रहे थे, कहना मुश्किल है। अपराधियों के नाम दीपक बंगाली, सोनू पंजाबी, रामू उडिय़ा, प्रदीप बिहारी के रूप में सामने लाने में पुलिस की बड़ी भूमिका रही है। अंग्रेज कुछ जनजातियों को अपराधी मानते थे। कुछ जातियों को वीर होने का तमगा भी अंग्रेजों ने ही दिया। नतीजा यह निकला कि कौमों की ब्रांडिंग हो गई। समय के साथ यही सबसे बड़ा सच हो गया। कुछ जातियों का सीना गर्व से 56 इंच का हो गया तो कुछ के चेहरे पर बदनामी की कालिख पुत गई। आजादी के बाद इसे इतिहास बन जाना था। पर ऐसा नहीं हो सका। अब अपराध करने वालों की पहचान हिन्दू या मुसलमान के रूप में होने लगी है। बेमेतरा के बिरनपुर में बच्चों की लड़ाई में बड़े उलझ गए। एक कबाड़ी ने लोगों को उकसाया और एक युवक को घेर कर मार दिया गया। बवाल मच गया। एक पुलिस अधिकारी भी गंभीर रूप से घायल हो गया। हालात इतने बिगड़े की आईजी के साथ कई एसपी और सैकड़ों जवानों ने गांव को घेर लिया। आरोपियों की गिरफ्तारी हुई और गांव में मातम पसर गया। इस बीच छोटी-छोटी गलतियां होती रहीं। मीडिया ने सभी आरोपियों के नाम छाप दिये। सभी आरोपी एक ही समुदाय के हैं। इसके साथ ही सोशल मीडिया एक्टिव हो गया। गांव के बाहर पिता पुत्र के शव मिले तो सोशल मीडिया को नया मसाला मिल गया। कहीं से खोजकर वे एक महिला समेत छह शव मिलने की कहानी ले आया। कम से कम दो प्रमुख राष्ट्रीय समाचार पत्रों ने अपने वेबसाइट पर यह खबर सोशल मीडिया से उठाकर लगा दी। इसमें कहीं भी नहीं कहा गया कि यह खबर सोशल मीडिया के हवाले से है। नाक न कट जाती! एक होड़ मची हुई है ब्रेकिंग न्यूज चलाने की। छावनी में तब्दील गांव में पुलिस से बचते-बचाते कुछ मीडिया कर्मी पहुंच गए। उन्होंने लोगों को इंटरव्यू किया। हालांकि, यहां भी छोटी-छोटी चूकें हुईं। वीडियो वायरल होने के साथ ही घटना में कुछ और नए एंगल जुड़ गए। इनमें कथित लव जिहाद भी शामिल था। किसी ने बताया कि जनवरी में हुए दो अंतरजातीय प्रेम विवाहों के बाद से ही गांव में तनाव था। किसी ने बताया कि गांव में यह कोई नई बात नहीं है। गांव में ऐसी 9 शादियां हो चुकी हैं। अब तो सोशल मीडिया पर आग लगनी ही थी। कोई वक्फ बोर्ड का मामला निकाल लाया तो कोई सीधे पाकिस्तान तक जा पहुंचा। तब जाकर पुलिस का माथा ठनका और उसने बेसिरपैर की अफवाह फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी जारी कर दी। मीडिया ने छह लाशों वाला पोस्ट हटा लिया। पर जो नुकसान होना था वो हो चुका। अब चुन-चुन कर घटनाओं को जोड़ा जा रहा है। पर, अब पछताए का होत है जब चिडिय़ा चुग गई खेत।
Gustakhi Maaf: अब पछताए का होत है जब चिडिय़ा….
