रायपुर. छत्तीसगढ़ में आदिवासी आरक्षण का मुद्दा अब विधानसभा तक पहुंच गया है। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस इस विषय पर आदिवासी समाज को नाराज नहीं करना चाहता। इसलिए सीएम ने विधानसभा की विशेष सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल को पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया है कि आदिवासी आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र आहूत किया जाएगा। इस बाबत उन्होंने राज्यपाल को प्रस्ताव भेजा है। एक ट्वीट में सीएम बघेल ने कहा “विधानसभा विशेष सत्र-आदिवासी आरक्षण के विषय को लेकर विधानसभा का विशेष सत्र आहूत करने का प्रस्ताव विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत जी को भेजा है। आगामी एक और दो दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र आहूत किए जाने का आग्रह किया है।
58 प्रतिशत आरक्षण को बताया था असंवैधानिक
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पिछले महीने राज्य सरकार के 2012 में जारी उस आदेश को खारिज कर दिया था, जिसमें सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश में आरक्षण को 58 प्रतिशत तक बढ़ाया गया था। कोर्ट ने कहा था कि 50 प्रतिशत की सीमा से अधिक आरक्षण असंवैधानिक है। इस फैसले के बाद आदिवासी समुदायों के लिए आरक्षण 32 प्रतिशत से घटकर 20 प्रतिशत हो गया है। जिससे आदिवासी समाज आक्रोशित है। सरकार के खिलाफ उनकी नाराजगी आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को भारी पड़ सकती है। इस सीएम पहल करके विशेष सत्र में इस मुद्दे पर चर्चा करना चाह रहे हैं।