नई दिल्ली (एजेंसी)। सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के नागरिक आपूर्ति निगम (नान) घोटाले के आरोपी की मदद करने के लिए सांविधानिक पद पर बैठे व्यक्तियों और हाईकोर्ट के जज के बीच संपर्क होने के ईडी के आरोपों को गंभीर करार दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह दावा बिलकुल अलग स्तर का है, क्योंकि इसमें कथित रूप से जज किसी किस्म की बातचीत में शामिल हैं।
मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) यूयू ललित की पीठ ने सोमवार को विशेष कोर्ट को मामले की आगे सुनवाई से मना करते हुए ईडी की अपील पर 12 अक्तूबर को सुनवाई तय कर दी। सीजेआई ललित ने खुद के संपूर्ण न्यायपालिका का प्रमुख होने का संदर्भ देते हुए कहा कि अपीलीय न्यायक्षेत्र के रूप में बैठने के अलावा वह अलग तरह से काम करने और सुधारात्मक प्रशासनिक कदम उठाने के लिए अधिकृत हैं।
ईडी ने की है केस राज्य से बाहर स्थानांतरित करने की मांग
ईडी ने हाल में दावा किया था कि राज्य में सांविधानिक पदों पर बैठे कुछ घोटाले के एक खास आरोपी को बचाने के लिए हाईकोर्ट के एक जज के संपर्क में हैं। इसे देखते हुए ईडी ने धन शोधन के इस केस को छत्तीसगढ़ से बाहर स्थानांतरित करने के अलावा हाईप्रोफाइल आरोपी की अग्रिम जमानत रद्द करने की मांग की थी। ईडी ने इस बारे में संबंधित व्यक्तियों के कुछ आपत्तिजनक व्हाट्सएप चैट सील लिफाफे में पीठ को सौंपे थे।