नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने के लिए लोकसभा में शुक्रवार को बिल पेश किया। यह विधेयक कुछ दिन पहले आए अध्यादेश का स्थान लेगा। संसद में आज फिर इलेक्टोरल बॉन्ड और सरकारी कंपनियों (पीयूसी) के निजीकरण के मुद्दे पर हंगामे के आसार हैं। कांग्रेस सांसदों ने संसद परिसर में इलेक्ट्रॉनिक बॉन्ड स्कीम में पारदर्शिता की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। विपक्ष इस मुद्दे पर लगातार सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने बॉन्ड स्कीम को बड़ा घोटाला और भाजपा के द्वारा भ्रष्टाचार छिपाने का जरिया करार दिया।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने पीयूसी के मुद्दे पर लोकसभा में स्थगन का नोटिस दिया। कांग्रेस सांसदों ने गुरुवार को लोकसभा की वेल में आकर इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर नारेबाजी की थी। उनका कहना था कि सरकार ने बॉन्ड की स्कीम में आरबीआई के सुझावों को दरकिनार किया। इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए केंद्र सरकार अपना भ्रष्टाचार छिपा रही है। शशि थरूर ने कहा था- बॉन्ड के जरिए अमीर और कारोबारी सत्ताधारी दल को चंदा देकर सरकार में दखल देंगे।
संसद में लगातार दूसरे दिन प्रदूषण का मुद्दा गूंजा
दिल्ली के भाजपा सांसद विजय गोयल ने राज्यसभा में प्रदूषित जल का मुद्दा उठाया। इस दौरान पक्ष-विपक्ष में तीखी बहस शुरू हो गई। तब सभापति नायडू ने हस्तक्षेप किया और उन्होंने कहा- कृपया चिल्लाएं नहीं और अपने फेफड़ों पर जोर न डालें, क्योंकि हवा की वजह से ये हालात बने हैं। दोनों सदन में गुरुवार को भी जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण पर चर्चा हुई थी।
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान भाजपा सांसद मेनका गांधी और कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल ने प्लास्टिक से पर्यावरण प्रदूषण का मुद्दा उठाया। इस पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा- सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके लिए जन जागरुकता अभियान चलाने की जरूरत है।
इस पर स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा- ”यह सदन 130 करोड़ देशवासियों का प्रतिनिधित्व करता है। मुझे लगता है कि पूरा सदन सिंगल यूज प्लास्टिस के इस्तेमाल पर रोक लगाने पर सहमत है। अगर सांसद खुद संकल्प लेंगे तो पूरे देश के लोग उनसे प्रभावित होंगे।”
भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने लोकसभा में राजस्थान की सांभर झील के आसपास 17 हजार पक्षियों की मौत का मुद्दा उठाया। उन्होंने इस मामले में उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है।