अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा अकैडमिक्स में अच्छा परफॉर्म करें तो इस इच्छा को पूरा करने की चाबी आपके पास है। पिछले दिनों हुई एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि जिन बच्चों के पैरंट्स उनकी स्कूल लाइफ में इंट्रस्ट लेते हैं, उन बच्चों के रिपोर्टकार्ड में बहुत तेजी से सुधार होता चला जाता है। साथ ही अकैडमिक्स से जुड़े हर प्लेटफॉर्म पर ये बच्चे उन बच्चों की तुलना में अच्छा परफॉर्म कर पाते हैं, जिनके पैरंट्स उनकी स्कूल लाइफ में इंट्रस्ट नहीं लेते हैं।
जर्नल ऑफ एजुकेशनल स्टडीज में पब्लिश हुई एक रिपोर्ट के अनुसार, आमतौर पर यह देखने को मिलता है कि जो बच्चे कमजोर इकॉनमिक और सोशल बैकग्राउंड से आते हैं, वे अपने उन क्लासमेट्स की तुलना में परफॉर्मेंस के लिहाज से पिछड़ जाते हैं, जो मजबूत आर्थिक और सामाजिक स्थितिवाले परिवारों से आते हैं। लेकिन इस स्थिति को बदला जा सकता है।
आपने भी नोटिस किया होगा कि जो बच्चे कमजोर इकनॉमिकल बैकग्राउंड से आते हैं वे बमुश्किल ग्रेजुएशन तक अपनी पढ़ाई पूरी कर पाते हैं और उनके ऊपर तुरंत से पैसे कमाने की जिम्मेदारी आ जाती है। ऐसे में वे अपने हायर इकॉनमिक बैकग्राउंड वाले क्लासमेट्स से अपनी फील्ड में पिछड़ जाते हैं। इससे फिर एक बार वही आर्थिक पिछड़ेपन का चक्र शुरू हो जाता है, जो ये बच्चे फेस कर चुके हैं।
मतलब, एजुकेशन कम होने के कारण ये बच्चे हायर पोस्ट या अच्छी अपॉर्च्युनिटी को कैश नहीं कर पाएंगे और कम पैकेज वाली जॉब करेंगे। जबकि अच्छे आर्थिक बैकग्राउंड वाले इनके क्लासमेट अच्छी क्वालिफिकेशन के बाद हाई पैकेज वाली जॉब्स करेंगे। ऐसे में इनकी अगली पीढ़ी फिर से इस तरह की स्थितियों को फेस करेगी। जबकि इस चक्र को तोडऩे का उपाय बहुत ही आसान है।
स्टडी में सामने आया है कि सामान्य या कम मजबूत आर्थिक बैकग्राउंड वाले वे बच्चे पढ़ाई में बहुत अच्छा परफॉर्म करके बड़े एग्जाम्स और अपॉर्च्युनिटी को कैश कर पाते हैं, जिनके पैरंट्स उनकी स्कूल ऐक्टिविटीज में स्कूल लाइफ में इंट्रस्ट दिखाते हैं।
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