रायपुर Raipur. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को नए संसद भवन का लोकार्पण किया। नए संसद भवन के लोकार्पण से पहले की कांग्रेस सहित 20 विपक्षी पार्टियां इसका विरोध कर रही हैं। इस विरोध की आंच राजधानी रायपुर तक पहुंच गई है। रायपुर के तेलीबांधा मरीन ड्राइव में कांग्रेसी नेताओं ने जल सत्याग्रह किया। कांग्रेस नेता विनोद तिवारी के नेतृत्व में जल सत्याग्रह कर विरोध जताया गया। इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने हाथों में तख्तियां थाम रखी थी। हाथों में तख्तियां लेकर तालाब में खड़े होकर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।
कांग्रेस नेता विनोद तिवारी ने बताया कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों न कराकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कर दिया। यह संविधान और संसद का अपमान है। इसके विरोध में हमने ये विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सिर्फ चुनाव जीतने ओर वोट लेने के लिए राष्ट्रपति पद के लिए आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू का चयन किया था।
इतना ही नहीं नए संसद भवन के शिलान्यास के समय भी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को नहीं बुलाया गया था। ये देश और संसद का अपमान है। संसद देश का सर्वोच्च सदन है। राष्ट्रपति का पद संवैधानिक होता है, इसलिए नवनिर्मित संसद भवन का उद्धघाटन राष्ट्रपति से कराना चाहिए था पर ऐसा न कर बीजेपी ने एसटी, एससी और ओबीसी विरोधी चेहरा उजाकर किया है।