नई दिल्ली (एजेंसी)। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही सियासी दलों के बीच हलचल तेज हो गई है। राजनीतिक दलों ने अलग-अलग तरह से जीत हासिल करने के लिए प्लान बनाकर काम करना शुरू कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी ने भी दोबारा सत्ता हासिल करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। भाजपा ने इसको लेकर प्लान बनाया है। इसके मुताबिक, पार्टी का काफी फोकस पुराने मैसूर पर है। वोक्कालिगा समुदाय बहुल वाले इस क्षेत्र में जद(एस) और कांग्रेस का दबदबा है। अब भाजपा इसमें सेंध लगाने की कोशिश में जुटी है।
इस क्षेत्र में रामनगर, मांड्या, मैसूर, चामराजनगर, कोडागु, कोलार, तुमकुरु और हासन जिले शामिल हैं। इन जिलों में वोक्कालिगा समुदाय के लोग ज्यादा रहते हैं। जद (एस) नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष डी के शिवकुमार इसी समुदाय समुदाय से आते हैं।
इन जिलों की 58 विधानसभा सीटों में 24 पर जद (एस), 18 पर कांग्रेस और 15 पर भाजपा को पिछले चुनाव में जीत मिली थी। भाजपा को निष्कासित बसपा विधायक एन महेश का समर्थन भी हासिल है जो चामराजनगर जिले में कोल्लेगल के विधायक हैं। मांड्या जिले के वोक्कालिगा गढ़ में, सात में से छह जद (एस) के विधायक हैं, रामनगर में चार में से तीन विधायक हैं और हासन में सात में से छह सीटें जद (एस) के पास हैं। मैसूरु की 11 में से चार सीटें जद (एस) के पास हैं, जबकि इस जिले में कांग्रेस के पास चार और भाजपा के पास तीन सीटें हैं।
अपने दम पर आगे बढऩा चाहती भाजपा
भाजपा ने इन क्षेत्रों में अपने प्रदर्शन को सुधारने का प्लान बनाया है। पार्टी के शीर्ष नेता कहते हैं कि वह अकेले दम पर कर्नाटक के इन क्षेत्रों में बढ़त बनाएगी। कर्नाटक में भाजपा चार बार सत्ता में आई, लेकिन हर बार पार्टी के पास बहुमत नहीं था। किसी तरह पार्टी ने बहुमत के आंकड़ों को छूकर सरकार बनाई। हालांकि, 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों ने जरूर भाजपा का हौसला बढ़ाया है। तब पार्टी ने सूबे की 28 में से 25 सीटों पर जीत हासिल की थी।