नई दिल्ली (एजेंसी)। रूढिवादी देश सऊदी अरब इन दिनों बदलाव के दौर से गुजर रहा है। अब यह अरब देश एक और बड़ी पहल करने जा रहा है, जिसके तहत सऊदी अरब ने पहली बार महिला अंतरिक्षयात्री को स्पेस मिशन पर भेजने का फैसला किया है। बता दें कि रेयाना बरनावी, सऊदी अरब की पहली महिला अंतिरक्षयात्री होंगी, जो इस साल के अंत में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए उड़ान भरेंगी। रेयाना बरनावी के साथ सऊदी अरब के अंतरिक्ष यात्री अली अल करनी भी स्पेस जाएंगे।
मीडिया रिपोट्र्स के अनुसार, सऊदी अरब के दोनों अंतरिक्ष यात्री 2023 की दूसरी तिमाही में अंतरिक्ष यात्रा पर जाएंगे। यह दोनों यात्री AX-2 स्पेस मिशन के क्रू में शामिल हैं और इनकी फ्लाइट की लॉन्चिंग अमेरिका से होगी। इससे पहले साल 2019 में संयुक्त अरब अमीरात के अंतरिक्षयात्री हज्जा अल मंसूरी भी आठ दिन इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) पर बिताकर आ चुके हैं। इनके अलावा संयुक्त अरब अमीरात के सुल्तान अल नेयादी भी इस महीने के आखिर में अंतरिक्ष की उड़ान भरेंगे। नेयादी पहले अरब अंतरिक्षयात्री हैं जिन्होंने अंतरिक्ष में एक साथ छह महीने बिताए थे।
इससे पहले साल 1985 में सऊदी युवराज सुल्तान बिन सलमान बिन अब्दुल अजीज भी अमेरिका के स्पेस मिशन के साथ अंतरिक्ष गए थे और इस तरह वह अंतरिक्ष में जाने वाले पहले अरब मुस्लिम बने थे।
बता दें कि जैसे जैसे दुनिया इलेक्ट्रिक गाडिय़ों और अन्य विकल्पों की तरफ जा रही है, वैसे-वैसे दुनिया में तेल की अहमियत घटती जाएगी। आने वाले 15-20 सालों में तेल शायद अपनी चमक खो दे। सऊदी अरब भी इस बात को समझ रहा है और यही वजह है कि सऊदी अरब भी अपनी अर्थव्यवस्था की निर्भरता तेल पर कम करके पर्यटन आदि पर निर्भर करने की योजना बना रहा है। ऐसे में सऊदी अरब में हो रहे बदलावों को भी इसी नजरिए से देखा जा रहा है।
सऊदी युवराज मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में सऊदी अरब में महिलाओं को पुरुषों के बिना भी विदेश यात्रा की अनुमति दे दी गई है। साथ ही सऊदी अरब में कामकाजी महिलाओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। साल 2016 में सऊदी अरब में कामकाजी महिलाओं की संख्या 17 फीसदी थी, जो अब बढ़कर 37 फीसदी हो गई है।