पटना (एजेंसी)। बिहार में सियासी सरगर्मियां तेज होने के बीच नीतीश कुमार ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने आठ साल में दूसरी बार अपनी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी से नाता तोड़ लिया है। हालांकि भाजपा ने इस गठबंधन को बचाने के लिए कड़े प्रयास किए। खुद केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने मंगलवार को कहा कि भाजपा चाहती है कि नीतीश सीएम बने रहें। इस बीच भाजपा के केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि भाजपा ने अपना गठबंधन धर्म निभाया है और अगर नीतीश अलग हो रहे हैं तो यह उनका अपना फैसला है। उन्होंने कहा, यह निर्णय नीतीश जी का निर्णय है। इस दौरान गिरिराज सिंह ने नीतीश को ‘पलटू राम’ भी कहा। बता दें कि नीतीश कुमार ने शाम चार बजे राज्यपाल से मुलाकात कर अपनी इस्तीफा सौंप दिया। इसके साथ ही उन्होंने 160 विधायकों के समर्थन से सरकार बनाने का भी दावा कर दिया।
इस पूरे घटनाक्रम पर गिरिराज सिंह ने कहा, हमने हमेशा गठबंधन के धर्म का पालन किया है और गठबंधन की गरिमा को बनाए रखा है। उन्होंने कहा, जब हमारे पास 63 विधायक थे और उनके पास 36 थे, तब भी हमने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया। आज नीतीश खरीदारी करते दिख रहे हैं। गिरिराज सिंह ने राज्य में भाजपा के साथ गठबंधन तोडऩे के लिए जद (यू) प्रमुख की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री बनने की नीतीश की आकांक्षाओं ने उन्हें गठबंधन तोडऩे के लिए मजबूर किया। गिरिराज सिंह ने कहा, पलटूराम आ गए पलट के। चार दशकों के राजनीतिक करियर में, जद (यू) प्रमुख ने अपने कई सहयोगियों को बदला है। उन्होंने चार बार साझेदार बदले, जिससे उन्हें ‘पलटू राम’ का तमगा मिला। वैसे ये तमगा किसी और न नहीं बल्कि उनके पुराने व नए सहयोगी लालू प्रसाद ने दिया था।

बिहार में एनडीए गठबंधन छोड़ते हुए नीतीश कुमार ने राज्यपाल से मुलाकात करके सीएम पद से इस्तीफा दिया। साथ ही उन्होंने 160 विधायकों के समर्थन के साथ नई सरकार बनाने का दावा भी पेश किया। नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ फिर बिहार में नई सरकार बनाने जा रहे हैं। उधर, महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार हो चुका है। मंगलवार को राज्य में 18 मंत्रियों ने शपथ ली। इसमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट और भारतीय जनता पार्टी के 9-9 मंत्री शामिल रहे।
